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Anna Bhau Sathe : Dalit Aur Stri Jagat Ke Shreshth Qalamveer

Vishwas Patil Author
Paperback
Hindi
9789357756921
1st
2024
360
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वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित जीवनी श्रृंखला की नई पेशकश!

मराठी में दलित साहित्य की ज़मीन रचने और उसे एक ऊँचाई देने वाले क़लमकार रहे अण्णा भाऊ साठे। उनका जीवन-संघर्ष जितना बहुआयामी था, उतना ही लेखन भी। उन्होंने स्त्री-अस्मिता, सम्पूर्ण दलित समाज और साहित्य के लिए जो मशाल जलायी, उसने एक पूरे युग को प्रभावित किया। दलितों के पास शुरुआती दौर में इतना बड़ा ताक़तवर लेखक होने का ही परिणाम था कि वे सनातन प्राचीन व्यवस्था के ख़िलाफ़ धैर्य के साथ लड़ पाये। विद्रोह किया और अपने हक़ की लड़ाई में जीत हासिल की। मेहनतकश मज़दूरों के जीने की आँच और पसीने को पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करने वाले लेखक अण्णा भाऊ साठे ही हैं। इसलिए वे मराठी या भारतीय साहित्य के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के महान लेखकों में से एक हैं।

ऐसे विराट व्यक्तित्व और कृतित्व के नायक अण्णा भाऊ साठे की जीवनी लिखी है विश्वास पाटील ने। विश्वास पाटील मराठी के एक प्रसिद्ध लेखक हैं। उन्होंने जिस श्रद्धा और आत्मीयता से अण्णा भाऊ के बारे में लिखा है, वह अपनी भाषाशैली, संवेदना, कलात्मकता और चिन्तन में अनुपम तो है ही, एक लेखक को लिखते समय कितना परिश्रम करना चाहिए और ज़िम्मेदारी के साथ लिखना चाहिए, यह आदर्श उदाहरण भी उन्होंने प्रस्तुत किया है।

लेखक इस पुस्तक को लिखने के लिए अण्णा भाऊ से सम्बन्धित कई स्थानों पर गये, लोगों से मुलाकात की, साक्षात्कार लिया, तत्कालीन अखबारों में प्रकाशित खबरों का सन्दर्भ इकट्टा किया, उनके रिश्तेदारों से मिले और उनके समकालीन जीवन से जुड़ी अनेक बातों, घटनाओं को सूक्ष्मता से जाँच-पड़ताल कर इस लेखन को अंजाम दिया। इसीलिए इस जीवनी में अनुसन्धानपरक दृष्टि और इतिहास के पुख्ता साक्ष्य हैं जो इस बात के प्रमाण हैं कि एक लेखक द्वारा किसी की जीवनी को लिखते समय किस तरह के दृष्टिकोण, मनःस्थिति और श्रम को साधना पड़ता है।

कहने की आवश्यकता नहीं कि अण्णा भाऊ साठे के बारे में लिखने के लिए एक प्रखर अध्ययनशील और प्रतिभासम्पन्न लेखक की आवश्यकता थी, जिसका साहित्य का इतिहास उसकी बाट जोह रहा था और वह मिला विश्वास पाटील के रूप में। उनके द्वारा लिखित यह पुस्तक अण्णा भाऊ साठे : दलित और स्त्री-जगत् के श्रेष्ठ क़लमवीर दलित समाज को सौंपी गयी एक अमूल्य कृति है। निस्सन्देह, अणाभाऊ की इस जीवनी के ज़रिये अम्बेडकरी आन्दोलन और साहित्य के लिए मुक्ति और स्वप्न की पुकार युग-युग तक बनी रहेगी।

सुरेश माहेश्वरी (Suresh Maheshwari)

सुरेश माहेश्वरी  अध्यक्ष एवं प्रोफ़ेसर, स्नातकोत्तर हिन्दी अध्ययन-अनुसन्धान केन्द्र, प्रताप महाविद्यालय, अमलनेर से अवकाश प्राप्त ।व्यंग्यालोचन का निर्धारण, हिन्दी व्यंग्य को विधा रूप मे

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विश्वास पाटील (Vishwas Patil)

विश्वास पाटील विश्वास पाटील मराठी साहित्य के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार और नाटककार हैं। उन्होंने जनसाधारण और समाज से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर आधारित 13 उपन्यास रचे हैं। विश्वास पाटील की सम

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