Pachas Kavitayen Nai Sadi Ke Liye Chayan : Arun Kamal

Arun Kamal Author
Paperback
Hindi
9789350007167
2nd
2019
96
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सुपरिचित कवि अरुण कमल की ये कविताएँ उनके चार प्रकाशित संग्रहों एवं एक शीघ्र प्रकाश्य संग्रह से ली गयी हैं । कविताओं का चयन स्वयं कवि ने किया है जिनसे कवि के विपुल एवं विविध काव्य-संसार का अनुमान सहज ही हो जाता है। लगभग चार दशकों के कवि-श्रम का प्रतिनिधित्व करतीं ये कविताएँ अरुण कमल के जीवन - अनुभव एवं शिल्प की विविधता तथा विस्तार, भाषा के सम्पूर्ण वर्ण-क्रम के सिद्ध व्यवहार एवं सर्वथा नये अनूठे बिम्बों की श्रृंखला का दस्तावेज हैं। ऐसा गहन इन्द्रियबोध एवं बौद्धिक सौष्ठव दुर्लभ है। वास्तव में ये कविताएँ सम्पूर्ण जीवन की सम्पूर्ण कविताएँ हैं। अनेक स्तरों पर घटित होती कविता एक ही साथ सामान्य पाठक से लेकर अभिजन तक को सम्बोधित है। ऐसी संश्लिष्टता, मार्मिकता एवं भाषा की अनेकानेक छवियों की लयात्मकता अन्यत्र दुर्लभ है। अरुण कमल की प्रत्येक कविता जीवन का नया आविष्कार एवं भाषा का नया परिष्कार है। ये पचास कविताएँ कवि के विस्तृत काव्य-क्षेत्र में प्रवेश के लिए सर्वोत्तम हार्दिक आमन्त्रण हैं। -

माथे पर जल भरा गगरा लिये

ठमक गयी अचानक वह युवती

मुश्किल से गर्दन जरा-सा घुमायी

दायाँ तलवा पीछे उठाया

और सखी ने झुककर

खींचा रैंगनी काँट

और चल दीं फिर दोनों सखियाँ

माथे पर जल लिये ।

अरुण कमल (Arun Kamal)

15 फरवरी, 1954, नासरीगंज, रोहतास (बिहार) में जन्म। छह कविता पुस्तकें अपनी केवल धार, सबूत, नये इलाके में, पुतली में संसार, मैं वो शंख महाशंख और योगफल। तीन कविता चयन भी प्रकाशित। दो आलोचना पुस्तकें कवि

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