Sanshay Ke Saaye

Hardbound
Hindi
9788126314171
1st
2007
710
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संशय के साये - (कृष्ण बलदेव वैद संचयन) - कृष्ण बलदेव वैद हमारे समय के एक ज़रूरी और बड़े लेखक हैं। हर बड़ा लेखक अपनी भाषा, सामाजिक नैतिकता और विधा की सरहदों को तोड़ता या लगभग टूटने तक ठेलता है। वैद साहब की लेखकी में यह तोड़-फोड़ देखी जा सकती है। उनकी हर कृति में शिल्प नया है, कहन का अन्दाज़ नया है और कथ्य भी नया ही। वैद साहब अपनी लेखकीय सचाई जिन युक्तियों से गढ़ते हैं, वे सब नयी और कई बार अप्रत्याशित हैं। वैद साहब का गद्य विनोद और विट से भरपूर है। भाषा में कई बार कविता जैसी लयात्मकता, अनुप्रास आदि होते हैं। कई बार यह यथार्थवादी गम्भीरता का मुँह चिढ़ाता गद्य लगता है। वैद साहब हिन्दी के शायद सबसे बड़े उर्दूदाँ लेखक हैं। उनकी भाषा में उर्दू इतनी रची-बसी और इस क़दर गृहस्थ है कि यह गुण मात्र उन्हें बिल्कुल अलग क़िस्म का लेखक बनाने के लिए पर्याप्त है। मुक्तिबोध की तरह कृष्ण बलदेव वैद एक गोत्रहीन लेखक हैं। उनका हिन्दी की साहित्य परम्परा में न कोई पूर्वज है न वंशज। वे अपनी राह पर अकेले, सब तरह के जोख़िम उठाकर लगातार अपनी निर्भीक प्रयोगधर्मिता को बार-बार पुनराविष्कृत करते हुए चलते रहे हैं। प्रस्तुत संचयन का उद्देश्य है हिन्दी के पाठक वैद साहब की प्रमुख कृतियों का एक साथ आस्वादन करें।

उदयन वाजपेयी (Udyan Vajpayee)

उदयन वाजपेयी जन्म : 4 जनवरी, 1960, सागर, मध्य प्रदेश।प्रकाशित पुस्तकें : कुछ वाक्य, पागल गणितज्ञ की कविताएँ, केवल कुछ वाक्य (कविता-संग्रह), सुदेशना, दूर देश की गन्ध, सातवाँ बटन, घुड़सवार, रेत किनारे क

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