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Pravasi Bharatiya Hindi Sahitya

Hardbound
Hindi
9789357758284
2nd
2024
512
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प्रवासी भारतीय हिन्दी साहित्य -
प्रवासी भारतीय हिन्दी साहित्य फीजी, सूरीनाम, दक्षिण अफ्रीका तथा मॉरिशस के प्रवासी भारतीय हिन्दी साहित्य का पहला प्रामाणिक और अनुसन्धान परक संचयन है जो इन देशों की सृजनात्मक रचनाओं को पाठकों के सामने प्रस्तुत करता है। ग्रन्थ में संगृहीत रचनाएँ गिरमिट जीवन की दारुण परिस्थितियों का वर्णन करनेवाली जहाँ है वहीं इन देशों में बसे हुए गिरमिटियों की चौथी पीढ़ी के भारतीयों की संवेदनाओं और उनकी सृजनात्मक प्रतिभाओं का निदर्शन भी हैं।
ग्रन्थ में संकलित अनेक रचनाएँ इन देशों में बसे हुए भारतीयों द्वारा विकसित हिन्दी की विशिष्ट भाषिक शैलियों में लिखी हुई रचनाएँ हैं जो हिन्दी के वैश्विक स्वरूप का आपको परिचय देंगी। प्रस्तुत ग्रन्थ के सम्पादक और सह-सम्पादक प्रवासी भारतीय हिन्दी साहित्य के अध्ययन और अनुसन्धान से दीर्घ काल तक सम्बद्ध रहे हैं और विषय के विशेषज्ञ हैं।

डॉ. विमलेश कांति वर्मा (Dr. Vimlesh Kanti Verma )

विमलेश कांति वर्मा डी.फिल. (इलाहाबाद), एफ.आर.ए.एस. (लन्दन), प्रतिष्ठित भाषा वैज्ञानिक, दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले 50 वर्षों से अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, पाठालोचन तथा अनुवाद शास्त्र का अध्या

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