मेरा सफ़र -
शाइरी का यह मैदान इतना विस्तृत है कि अगर इसमें एक तरफ़ ललित लेखन की क्षमता है, जिस तरह चित्रकला में छोटे-छोटे सूक्ष्म लघुचित्रों की; तो दूसरी तरफ़ बड़े-बड़े कैनवास पर मोटी-मोटी रेखाओं और चमकीले रंगों के सम्मिश्रण से बनाये गये चित्रों की भी है। मैक्सिको की जनता के क्रान्तिकारी संघर्ष का एक परिणाम यह भी हुआ कि वहाँ के चित्रकारों ने भवनों की दीवारों पर बड़े-बड़े और जनता के क्रान्तिकारी स्वभाव के अनुकूल बहुत ज़ोरदार और जोशीले भित्ति-चित्र बनाने की कला आविष्कार की और अब इसे विश्वव्यापी सर्वप्रियता प्राप्त है। सरदार जाफ़री की बड़ी कविताओं में ऐसी ही बड़ी-दीवारी चित्रकारी का आनन्द है। उनके शब्द स्पष्ट और शक्तिशाली हैं, उनकी लय ऊँची और जोश से भरी हुई है; निश्चित रूप से उनकी शैली उपदेशकों जैसी है, इसलिए कि वे जनसमूह में सुनाने के लिए भी कही गयी हैं। और यह उनका गुण है, अवगुण नहीं। क्या मौलाना रूम की मसनवी का, मीर अनीस के मरसियों का, इक़बाल के शिकवे का, शेक्सपियर के नाटकों का अन्दाज़ उपदेशकों जैसा नहीं है? ये सब रचनाएँ भी जनसमूह को सुनाने के लिए कही गयी थीं; जाफ़री की लम्बी कविताएँ इसी विधा की हैं, इनमें सरलता, प्रवाह और सत्यता है और वे सुननेवालों पर सीधा प्रभाव डालती हैं और कामयाब हैं।
-सज्जाद ज़हीर
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