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Satta Aur Samaj (CSDS)

Paperback
Hindi
9789352291687
1st
2009
514
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₹325.00

सत्ता और समाज -
विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सी.एस.डी.एस.) द्वारा प्रायोजित लोक-चिन्तक ग्रन्थमाला की इस दूसरी कड़ी में धीरूभाई शेठ का कृतित्व पेश किया गया है। इस विख्यात राजनीतिक-समाजशास्त्री के जीवन और कृतित्व के बारे में जानना सत्ता और समाज के जटिल रिश्तों पर रोशनी डालने के लिए अनिवार्य है
धीरूभाई शेठ एक ऐसे दुर्लभ बौद्धिक मानस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके केन्द्रीय स्वर में एक अस्वीकार की ध्वनि है। समाज विज्ञान और सामाजिक यथार्थ के प्रचलित रिश्तों को गहराई से प्रश्नांकित करने वाला यह विपुल अस्वीकार अपने मूल में सकारात्मक है। अपनी इसी ख़ूबी के कारण ही इसके गर्भ से समाज विज्ञान और उसकी पद्धति की रचनात्मक आलोचना निकलती है। इस आलोचना का दायरा बहुत बड़ा है जिसके एक सिरे पर अगर हमारी राजनीतिक आधुनिकता और जातिप्रथा के बीच के लेन-देन का अध्ययन है, तो उसके दूसरे सिरे पर उदारतावादी लोकतंत्र और भूमण्डलीकरण के अन्तःसम्बन्धों की निष्पत्तियों का खुलासा है। इन दोनों सिरों के बीच राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया और उसकी उलझनें, सेकुलरवाद की विवेचना, आरक्षण नीति की अनिवार्यता और उसमें आई विकृतियों के निराकरण और गैर-पार्टी राजनीति के चमकदार सूत्रीकरण मौजूद हैं। इस अनूठे रचना-संसार को एक सूत्र में बाँधने की भूमिका ख़ामोशी से की गयी उस आजीवन विकल्प साधना ने निभायी है जिसके आधार में धीरूभाई की शख्सियत है।

अभय कुमार दुबे (Abhay Kumar Dubey)

विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के भारतीय भाषा कार्यक्रम में सम्पादक। रजनी कोठारी, आशीष नंदी और धीरूभाई शेठ समेत अन्य कई समाज वैज्ञानिकों की प्रमुख रचनाओं का अनुवाद करने के अलावा लोक चिं

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धीरूभाई सेठ (Dheerubhai Sheth)

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