यह पुस्तक जवाब है, उन पोंगापंथियों के लिए जो काम और प्रेम के बारे में कुछ जानते-समझते तो नहीं, लेकिन उनका अंध विरोध करने से कभी बाज नहीं आते !
यह पुस्तक प्रशस्त प्रेम-पंथ है, उन प्रेम-पिपासुओं के लिए जिनका पथ दकियानूसों ने अवरुद्ध कर रखा है
यह पुस्तक आमंत्रण है, उन शिक्षाविदों और विचारकों के लिए जो शिक्षा में परिवर्तन को सभी परिवर्तनों का आधार समझते हैं.
यह पुस्तक मित्र है, उन युवाओं और विद्यार्थियों के लिए जो हमारी तरफ आशा भरी निगाह से, देख रहे हैं.
यह पुस्तक प्रश्न है, भारत के उन तमाम राजनेताओं के लिए जो अपने लिए तो बहुत कुछ कर रहे हैं, पर देश के लिए क्या कर रहे हैं?
यह पुस्तक सहचर है, उन क्रांतिकारी साथियों के लिए जो सभी दिशाओं में परिवर्तन लाने को बेताब हैं.
यह पुस्तक हृदय का हार है, सहधर्मियों के लिए और तलवार है विधर्मियों के लिए.
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