Pachas Kavitayen Nai Sadi Ke Liye Chayan : Nandkishor Acharya

Paperback
Hindi
9789350008935
1st
2011
82
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अन्तिम पृष्ठ आवरण -
हमेशा नहीं चाहे
पर कई बार
जब तुम्हे प्यार कर रहा होता हूँ
तो कौंध जाता है अचानक
वह चेहरा
जिसे तब नहीं जान पाया
कि मैं प्यार करने लगा हूँ
और तब भी
झूठ नहीं हो जाता प्यार जो मुझे तुमसे है।
बल्कि तुम और सुन्दर
और प्यारी हो जाती हो।

नन्दकिशोर आचार्य (Nand Kishore Acharya)

 नन्दकिशोर आचार्य

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