Hai Kuchh Deekhe Aur

Hardbound
Hindi
9788126330959
1st
2012
214
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है कुछ, दीखे और - कुछ वर्ष पूर्व डॉ. कैलाश वाजपेयी की भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित पुस्तक 'अनहद' में भी ऐसे ही अनेक उनके लेख संगृहीत हैं। ये लेख क्योंकि एक समाचार-पत्र विशेष में पाठक वर्ग की साधारण जानकारी के लिए लिखे गये थे, इसलिए इनके विषय विविधरंगी हैं, ठीक उसी तरह जैसे हम सबका जीवन। हालाँकि इसी के साथ यह भी न भूलना चाहिए कि बाहरी तमाम विविधताओं के बावजूद, हम सब एक ही सूत्र में बँधे हैं। सूत्र का क्योंकि कोई ओर-छोर नहीं, शायद इसीलिए उसके द्वारा धारण की जाने वाली छवियों का भी कोई अन्त नहीं। जिस अनाख्य शक्ति-सूत्र से ये छवियाँ जन्म लेती हैं, उन्हें ही अपने यहाँ 'माया' कहा गया है। 'माया' का अर्थ प्रायः 'भ्रान्ति' कह कर लिया जाता है। भारतीय चिन्तन तो इस दृश्य जगत् को सीधे सीधे 'मिथ्या' ही मानता है। 'माया' शब्द का सही अर्थ सम्भवतः यह होना चाहिए कि 'यह संसार जैसा हमें दिखाई पड़ता है वैसा है नहीं।' अन्त में, यह भी कि विषयवस्तु के आधार पर अलग-अलग लगते इन लेखों की अन्तर्धारा एक ही है।

कैलाश वाजपेयी (Kailash Vajpayee)

कैलाश वाजपेयी जन्म : 11 नवम्बर, 1936, उन्नाव निवासी । कार्यक्षेत्र : सन् 1960 में, टाइम्स ऑफ इंडिया, मुंबई में नियुक्ति 'सारिका' पत्रिका के प्रकाशन- प्रभारी। जुलाई सन् 1961 में, दिल्ली विश्वविद्यालय के शि

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