Bhasha, Sahitya Aur Desh

Hardbound
Hindi
9788126317943
4th
2009
192
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भाषा, साहित्य और देश - कालजयी साहित्यकार आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की इस पुस्तक का भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशन आधुनिक हिन्दी लेखन प्रकाशन जगत की निश्चित रूप से सही अर्थों में एक अद्वितीय घटना है, एक प्रीतिकर और रोमांचक उपलब्धि भी। भाषा, साहित्य और देश में संकलित आचार्य द्विवेदी के ये सारे निबन्ध पहली बार पुस्तकाकार प्रस्तुत हैं। भारतीय संस्कृति और साहित्य की लोकोन्मुख क्रान्तिकारी परम्परा के प्रतीक आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के इन निबन्धों में भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज और जीवन से जुड़ी एक बहुआयामी खनक और जीवन्त वैचारिक लय है। इनमें अतीत एवं वर्तमान के बीच प्रवहमान एक ऐसा सघन आत्मीय संवाद और लालित्य से भरपूर ऐसी गतिशील चिन्तनधारा है जो साहित्य के समकालीन परिदृश्य में भी सर्वथा प्रासंगिक है। कहना न होगा कि विशेष अर्थों में इतिहास से निरन्तर मुक्ति हमारी भारतीय परम्परा का सबसे बड़ा अवदान है।—और निस्सन्देह ध्यान से देखने पर स्पष्ट लगेगा कि आचार्य द्विवेदी के ये निबन्ध सजग एवं मर्मज्ञ पाठकों को 'इतिहास' से सहज ही मुक्त भी करते हैं।

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी (Acharya Hazariprasad Dwivedi)

हजारीप्रसाद द्विवेदी बचपन का नाम बैजनाथ द्विवेदी। श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 (1907 ई.) को जन्म। जन्म-स्थान आरत दुबे का छपरा, ओझबलिया, बलिया, उत्तर प्रदेश। संस्कृत महाविद्यालय, काशी में शिक्षा।

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