Acharya Hazariprasad Dwivedi

हजारीप्रसाद द्विवेदी

बचपन का नाम बैजनाथ द्विवेदी। श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 (1907 ई.) को जन्म। जन्म-स्थान आरत दुबे का छपरा, ओझबलिया, बलिया, उत्तर प्रदेश। संस्कृत महाविद्यालय, काशी में शिक्षा। 1929 ई. में संस्कृत साहित्य में शास्त्री और 1930 में ज्योतिष में शास्त्राचार्य। 8 नवम्बर, 1930 से 1950 तक हिन्दी शिक्षक के रूप में शान्तिनिकेतन में अध्यापन। लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्मानार्थ डॉक्टर ऑफ़ लिट्रेचर की उपाधि (1949)। सन् 1950 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रोफेश्सर और हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त। ‘विश्वभारती’ विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य (1950-53)। काशी नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष (1952-53)। नागरी प्रचारिणी सभा, काशी के हस्तलेखों की खोज (1952)। सन् 1957 में ‘पद्म-भूषण। 1960-67 के दौरान पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हिन्दी के प्रोफ़ेसर और विभागाध्यक्ष। सन् 1962 में पश्चिम बंग साहित्य अकादेमी द्वारा टैगोर पुरस्कार। 1967 के बाद पुनः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में। 1973 में केन्द्रीय साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत। जीवन के अन्तिम दिनों में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष रहे। 19 मई, 1979 को देहावसान। "

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