Your payment has failed. Please check your payment details and try again.
Ebook Subscription Purchase successfully!
Ebook Subscription Purchase successfully!
तरुणाई के सपने - वज्र-सा कठोर और फूलों-सा सुकुमार वह अक्षय व्यक्तित्व — नेताजी सुभाषचन्द्र बोस! और उनका अमर कृतित्व, 'तरुणाई के सपने'! सन् 1921 से 1940 तक के पत्रों, निबन्धों और व्याख्यानों का राष्ट्रभाषा हिन्दी में सर्वप्रथम संग्रह। 'तरुणाई के सपने' अर्थात् वह मनोभूमि, वह कल्पना और रचना-कौशल जिससे उद्भूत हुए 'चलो दिल्ली!' 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।' 'हमें संशोधन नहीं चाहिए, बुनियादी परिवर्तन चाहिए।' 'जय हिन्द!' नेताजी के सपनों का भारत। 'तरुणाई के सपने' अर्थात् — 'तरुणेर स्वप्न' तथा 'नूतनेर सन्धान' शीर्षक से बांग्ला में प्रकाशित नेताजी की दोनों कृतियों का हिन्दी में एक समाहित संस्करण जो अब एक दस्तावेज़ हैं, एक धरोहर है, एक इतिहास है, एक सन्दर्भ-ग्रन्थ है—आज़ादी की लड़ाई का वृत्त-चित्र है नेताजी की परिकल्पना के आज़ाद भारत का। इस समय इस पुस्तक की महत्ता और उपयोगिता निःसन्देह कितनी बढ़ जाती है, जब हम नेताजी के विद्यमान होने-न-होने की द्विधा पर राष्ट्रीय प्रश्न के रूप में विचार कर रहे हों। कैसे हो सकता है वह व्यक्ति तिरोहित, जिसने हमें दिये.... 'तरुणाई के सपने'! प्रस्तुत है पुस्तक का यह नया संस्करण, नयी साज-सज्जा के साथ।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review
Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter