Gahi Na Jai As Adbhut Bani

Paperback
Hindi
9789355189219
1st
2023
326
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असुरों का विनाश क्यों हुआ? कौरवों का विनाश क्यों हुआ? मुगलों का विनाश क्यों हुआ? इसलिए कि काल क्रम से उनके जीवन में मौज-शौक़ ही प्रधान हो गया। उनमें रचनात्मक तत्त्व समाप्त हो गये। न केवल दैनिक जीवन में बल्कि कला और चिन्तन के आदर्शों में भी वे भोगवादी हो उठे। भगवान रामचन्द्र में रावण से कौन-सी अधिक विशेषता थी? तेजस्वी, विद्वान, महापण्डित, परम साधक महात्मा रावण किस तत्त्व के प्रभाव में पराजित हुआ? वह तत्त्व था रचनात्मक दृष्टि और आदर्श-पालन राम में यह तत्त्व था, रावण में नहीं। एक अकेला, विपत्ति का मारा, वन-वन ठोकरें खाने वाला साधन-हीन व्यक्ति आदर्श से विचलित न होकर एक बड़ी-सी सेना इकट्ठी कर लेता है। किष्किन्धा और लंका जैसे शक्तिशाली राज्यों को जीत लेता है। फिर भी उन्हें अपने साम्राज्य का अंग न बनाकर शत्रुओं के सगे-सम्बन्धियों को दे देता है। रावण शुद्ध ब्राह्मण वंश-जात था और व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास को पाकर भी रचनात्मक दृष्टि को न पा सका। अतः उसकी पराजय हुई।
-इसी पुस्तक से


“यदि संस्कार परम्परावादी हों तो क्या दृष्टि आधुनिक हो सकती है। यानी आप अपने प्राचीन को आत्मसात् कर पचाकर कुछ ऐसा कह सकेँ जो वर्तमान से इतना समानधर्मी लगे कि आप इसकी बाँह थामकर भविष्य की ओर बढ़ सकें इस प्रश्न का जितना साफ़ उत्तर कुबेरनाथ राय के निबन्ध पढ़कर मिलता है, उतना हिन्दी में लिखी गयी किसी कृति को पढ़कर नहीं मिलता। इन निबन्धों का पढ़ना एक नया अनुभव है।"
- रघुवीर सहाय

कुबेरनाथ राय (Kubernath Rai )

कुबेरनाथ राय - प्रख्यात ललित निबन्धकार। जन्म : 1935, मतसा (गाजीपुर) उत्तर प्रदेश। प्रमुख रचनाएँ : मराल, प्रिया नीलकण्ठी, रस आखेटक, गन्धमादन, निषाद बाँसुरी, विषाद योग, पर्णमुकुट, महाकवि की तर्जनी, मण

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