यादें - प्रख्यात ज्योतिर्विद, हिन्दी के यशस्वी लेखक एवं प्रतिष्ठित पत्रकार पण्डित सूर्यनारायण व्यास अपने जीवन काल में देश की जिन महान विभूतियों के सम्पर्क में आये, वैचारिक आदान-प्रदान हुआ वह सब 'यादें' में उनके संस्मरणात्मक लेखों के रूप में संगृहीत है। व्यासजी की सशक्त क़लम से समय-समय पर निःसृत इन संस्मरणों का ऐतिहासिक महत्त्व है और ये युग की धरोहर हैं। इन लेखों में जहाँ ईमानदार, निरभिमानी एवं स्वाभिमानी राष्ट्रनायकों, उद्योगपतियों, सन्तों, क्रान्तिकारियों, साहित्यकारों और कलाकारों के सम्पर्क में आने से उपजे प्रेरक प्रसंग हैं वहाँ मन को गहराई तक छू जानेवाली उनके निजी जीवन की कुछेक स्मृतियाँ भी हैं। इन संस्मरणों की शैली कुछ ऐसी है कि हम कभी-कभी ठहाका लगा बैठते हैं तो कभी अनायास आँखों को नम होने से रोक नहीं पाते। पण्डित सूर्यनारायण व्यास के आत्मज राजशेखर व्यास के कुशल सम्पादन में हिन्दी साहित्य-जगत को समर्पित है।
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