यात्रा - मराठी में नयी कहानी के अग्रणी लेखकों में ‘शान्ताराम' का अपना एक विशिष्ट स्थान है। उनकी कहानी में जहाँ एक ओर गतिशील परम्परा है वहीं दूसरी ओर आधुनिकता का समन्वित रूप भी है। अपनी लोकभूमि की जड़ों से मज़बूती से जुड़े रहने के कारण उनकी कहानी में आंचलिकता का स्पर्श भी गहन रूप में अनेक स्तरों पर परिलक्षित है। शान्ताराम की कहानी में सामाजिक परिवर्तनों की सोच मुख्य रूप से उजागर हुई है। ग्राम-जीवन से नगर-जीवन की ओर बढ़ता आकर्षण, जाति, समाज और गाँव से उखड़कर निर्वासित होने की स्थिति, नैतिक मूल्यों के प्रति बढ़ती अनास्था तथा राजनीति का निरन्तर पतनशील चरित्र आदि ऐसे तत्त्व हैं जो उनकी कहानी में प्रतिबिम्बित हुए हैं। कहना न होगा कि शान्ताराम ने मराठी भाषा की परम्परा को गद्य के क्षेत्र में न केवल सुरक्षित रखा है, उसे उर्वर भी बनाया है। निःसन्देह इतनी विशिष्ट और विलक्षण कहानियों का यह संग्रह 'यात्रा' हिन्दी पाठकों को बहुत-कुछ नया देने की सामर्थ्य रखता है। प्रस्तुत है 'यात्रा' का नया संस्करण।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review