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Yah Chandrma Kiska Hai

Hardbound
Hindi
9789387919860
1st
2020
112
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₹220.00

यह चन्द्रमा किसका है? - भिन्न-भिन्न भाव-भूमियों से निसृत इस कृति के एक एक निबन्ध अन्तर्जगत की पुलक, हाहाकार, चिन्तन व उसकी गम्भीरता को अभिव्यक्त करते हैं और भावनाओं व बौद्धिकता का समन्वय कर उन्हें एक आकर्षक स्वरूप प्रदान करते हैं। हृदय व मस्तिष्क दोनों के तल पर नाचती हुई भीतर की लहरें यहाँ शब्दों की देह धारण कर निर्जीव काग़ज़ के पन्नों पर थिरक रही हैं और इन पन्नों को भी तरंगित व गतिमान करते सजीव कर दी हैं। अपमान के आँसू, उपेक्षा की वेधक दृष्टि और सांसारिक विश्लेषण का दार्शनिक कायान्तरण इन शब्दों की आत्मा बनकर जीवन को साँसों से भरते हैं और आन्तरिक दृढ़ता प्रदान कर 'जीवन को जीवन' देते हैं। इन निबन्धों में निजी क्षणों की अनुभूतियाँ भी हैं और सार्वजनिक जीवन की अवधारणाएँ भी। स्वयं को पूर्ण रूप से व्यक्त करने का यह प्रयत्न तो समय की कसौटी पर कसा जायेगा, किन्तु यह तय है कि काल के कूड़ेदान में यह कभी फेंका नहीं जायेगा। शाश्वतता इसकी लय है, स्थिरता इसका संगीत। फिर इसके शब्द तो इसके बोल हैं ही। काल की छाती पर टिककर अमर होना यदि साहित्य का अन्तिम लक्ष्य हो, तो इस समरांगन में यह सृजन कुछ समय तक 'ख़म' ठोंकेगा ही। बुद्धि व भावना, दोनों के संयुक्त मोर्चे पर यह कृति कुछ हलचल मचायेगी ही। संसार की समष्टि और वैयक्तिक हृदय की निःसंग व्यष्टि, दोनों की झलक दिखाती यह पुस्तक अब समय के परीक्षण हेतु उतरी ही है।

सुरेन्द्र कुमार मिश्र (Surendra Kumar Mishr)

सुरेन्द्र कुमार मिश्र - जन्म: 12 नवम्बर, 1960, टंडवा (राममन्दिर के निकट), गढ़वा, झारखण्ड। शिक्षा: राँची विश्वविद्यालय में। आजीविकाः पत्रकारिता और स्वतन्त्र लेखन। विशेष: विगत तीन दशक से निरन्तर लेख

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