शहीद भगत सिंह -
इस भारतीय उपमहाद्वीप में आज़ीदी की अलख जगाने वाले सरदार भगत सिंह की जीवन-कथा पढ़ना अपने आप में एक क्रान्तिकारी क़दम है। यदि सरदार भगत सिंह ने क्रान्ति का बिगुल न बजाया होता, आत्मबलिदान तो शायद अंग्रेज़ी कुशासन का दौर और लम्बे अरसे तक चलता। दरअसल, अंग्रेज़ी हुक़ूमत को सबसे ज़्यादा भय क्रान्तिकारियों से ही था। लेखक विष्णु नागर ने भगत सिंह के जीवन-चरित को लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि उन घटनाओं का ज़िक्र ज़रूर किया जाये जिन्होंने सरदार भगत सिंह के जीवन की दिशा ही बदल दी और क्रान्तिकारी बना दिया।
सरदार भगत सिंह छोटी उम्र में अपने स्वाध्याय से इतने मज़बूत हो गये थे कि उन पर किसी को बरगलाने वाली बातों का असर नहीं होता था। सरदार भगत सिंह के जीवन के बारे में लिखी यह पुस्तक बच्चों के लिए पठनीय तो है ही, सभी आयु वर्ग के पाठक भी इससे लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सरदार भगत सिंह का नाम देश हित में हर स्वतन्त्रता—प्रिय व्यक्ति के लिए बहुत अनुकरणीय है, किन्तु जनता के प्रति उनकी सोच और दृष्टि का फलक बहुत व्यापक नज़र आता है।
आशा है, सरदार भगत सिंह की यह जीवन कथा देशप्रेम की सच्ची भावना पाठकों में जगायेगी।
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