सर्वपल्ली राधाकृष्णन -
सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन देश के पहले उप राष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति बननेवाले महान् दार्शनिक थे। उनका समग्र जीवन भारतीय दर्शन के अध्ययन-मनन में बीता। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् संस्कृत और अँग्रेज़ी के विलक्षण विद्वान थे। तमिलभाषी होते हुए भी उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र को संस्कृत के माध्यम से जाना पहचाना था।
भारतीय गणतन्त्र की स्थापना के बाद राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के साथ-साथ उन्होंने उपराष्ट्रपति पद को ग्रहण किया था और दो बार उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को निभाते हुए वे भारत के द्वितीय राष्ट्रपति बने थे। अपने कार्यकाल में वे सदैव निर्विवाद रहे। देश के उच्चतम पदों पर आसीन रहने के बावजूद डॉ. राधाकृष्णन को एक राजनेता के रूप में नहीं अपितु एक महान दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के उद्भट विद्वान और शिक्षाशास्त्री के रूप में याद किया जाता है। यह सर्वविदित है कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितम्बर को सम्पूर्ण देश में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. प्रभाकिरण जैन द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रारम्भिक जीवन से लेकर उनके सम्पूर्ण जीवन को सरल भाषा में बालोपयोगी शैली में लिख गया है जिसे पढ़कर नयी पीढ़ी के लोग उनके जीवन में व्याप्त सरलता, सादगी और उच्च विचारों की गरिमा को सहज रूप में ग्रहण करके वे अपने भावी जीवन को नयी दिशा देंगे।
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