Mahke Aagan Chahke Dwar

Hardbound
Hindi
9788126340606
11th
2019
208
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महके आँगन चहके द्वार - 'महके आँगन चहके द्वार' वैवाहिक जीवन के विभिन्न पक्षों पर दृष्टि डालता है। यह सत्य है कि वैवाहिक जीवन का आरम्भ भावुकता में होता है पर उसकी पूर्णता एक यथार्थ है। भावुकता और यथार्थ में सामंजस्य स्थापित करने की कला ही सुखमय दाम्पत्य की कुंजी है। यह सामंजस्य रिश्तों में सन्तुलन बनाता है और जीवन को सरल और सम्बन्धों में प्रगाढ़ता लाता है। यह पुस्तक इन्हीं मनोभावों के आस-पास घूमती है और कथा के माध्यम से पात्रों के जीवन को पाठकों के समक्ष रखती है। दाम्पत्य जीवन के गाढ़े अनुभवों जिनमें कभी मधुरता तो कभी कटुता भी आ जाती है और चिन्तन से परिपूर्ण यह कृति लेखक की पारम्परिक उपलब्धियों में से एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। और यही क्यों, यदि व्यापक परिप्रेक्ष्य में इसी बात को देखें, समझें तो यह कृति पूरी सामाजिक स्थितियों-परिस्थितियों के प्रति एक विनियोग भी है। आदि से अन्त तक एकसूत्रित और अति रोचक।

कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर'  (Kanhaiya Lal Mishr 'Prabhakar')

कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर'  जन्म : 29 मई, 1906; निधन: 9 मई, 1995। हिन्दी के यशस्वी गद्य-लेखक, शैलीकार एवं पत्रकार स्व. 'प्रभाकर' जी की भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित बहुचर्चित कृतियाँ हैं—ज़िन्दगी मुसक

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