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K Se Kahani Gh Se Ghar

Kavita Author
Paperback
Hindi
9789387919853
1st
2020
104
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₹190.00

क से कहानी घ से घर - कविता के इस संग्रह की कहानियों में घर सिरजने का स्त्री स्वप्न लहूलुहान और सान्द्र होकर अपने उत्तर आयामों की तलाश करता है। स्त्रीमन और घर के स्वप्न के द्वैत के बीच 'कहानी' की परिभाषा खोजने का जतन करती इन कहानियों के पात्र कभी तो अंतरंग और आत्मीय निकटता के साथ अपने पाठकों की उंगली पकड़कर चलने लगते हैं तो कभी एक तटस्थ दूरी बनाकर ख़ुद अपना ही क्रिटिक बन जाते हैं। लेखक और पाठक दोनों को समान रूप से बेचैन करने वाली ये कहानियाँ इसलिए भी विशिष्ट है कि कविता अपने पात्रों के मुँह में अपनी ज़ुबान नहीं रखती बल्कि उन्हें अपनी कहानियाँ ख़ुद कहने देती हैं। अपने ही बनाये फ़्रेम और फ़ॉर्म को तोड़कर ख़ुद को खुरचते हुए अपने पात्रों की मनःस्थितियों के भीतरी तह तक पहुँचने के लिए कविता बार-बार 'मैं' शैली तक जाती हैं। इस क्रम में प्रेम, विश्वास, भय और टूटन के बीच ख़ुद की पहचान अर्जित करने की रचनात्मक ज़िद ही यहाँ कहानियों की शक्ल में मौजूद है। घटनाओं की गतिशील तीव्रता के बजाय अपने पात्रों के अन्तर्लोक में हौले-हौले प्रवेश करती ये कहानियाँ अपने पाठकों से सहज आत्मीय रिश्ता बनाने का एक ऐसा सामर्थ्य रखती हैं कि पाठक ख़ुद कहानी का हिस्सा बन जाता है।

कविता (Kavita )

कविता - जन्म: 15 अगस्त, मुज़फ़्फरपुर (बिहार)। शिक्षा: हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर और राष्ट्रीय संग्रहालय, नयी दिल्ली से भारतीय कलानिधि। पिछले दो दशकों से कहानी की दुनिया में सतत सक्रिय कवित

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