Your payment has failed. Please check your payment details and try again.
Ebook Subscription Purchase successfully!
Ebook Subscription Purchase successfully!
क से कहानी घ से घर - कविता के इस संग्रह की कहानियों में घर सिरजने का स्त्री स्वप्न लहूलुहान और सान्द्र होकर अपने उत्तर आयामों की तलाश करता है। स्त्रीमन और घर के स्वप्न के द्वैत के बीच 'कहानी' की परिभाषा खोजने का जतन करती इन कहानियों के पात्र कभी तो अंतरंग और आत्मीय निकटता के साथ अपने पाठकों की उंगली पकड़कर चलने लगते हैं तो कभी एक तटस्थ दूरी बनाकर ख़ुद अपना ही क्रिटिक बन जाते हैं। लेखक और पाठक दोनों को समान रूप से बेचैन करने वाली ये कहानियाँ इसलिए भी विशिष्ट है कि कविता अपने पात्रों के मुँह में अपनी ज़ुबान नहीं रखती बल्कि उन्हें अपनी कहानियाँ ख़ुद कहने देती हैं। अपने ही बनाये फ़्रेम और फ़ॉर्म को तोड़कर ख़ुद को खुरचते हुए अपने पात्रों की मनःस्थितियों के भीतरी तह तक पहुँचने के लिए कविता बार-बार 'मैं' शैली तक जाती हैं। इस क्रम में प्रेम, विश्वास, भय और टूटन के बीच ख़ुद की पहचान अर्जित करने की रचनात्मक ज़िद ही यहाँ कहानियों की शक्ल में मौजूद है। घटनाओं की गतिशील तीव्रता के बजाय अपने पात्रों के अन्तर्लोक में हौले-हौले प्रवेश करती ये कहानियाँ अपने पाठकों से सहज आत्मीय रिश्ता बनाने का एक ऐसा सामर्थ्य रखती हैं कि पाठक ख़ुद कहानी का हिस्सा बन जाता है।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review