Sankraman Ki Peera

Hardbound
Hindi
9788170553434
1st
1998
128
If You are Pathak Manch Member ?

किसी भी गतिशील समाज में संक्रमण एक प्रक्रिया का नाम है, एक अपरिहार्य कालस्थिति का द्योतक। इसमें जिस तीव्रता से उलट-फेर होते हैं, उनसे अक्सर समाज की स्वस्थ परम्पराओं को भी नुकसान पहुँचता है। जीवन के प्रायः प्रत्येक क्षेत्र में ऐसा बहुत कुछ घटित होता हुआ दिखायी देता है, जिससे किसी भी देश के ऐतिहासिक सामरस्य में ‘सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अराजकता व्याप्त हो जाती है; भ्रांति को हम क्रान्ति समझ लेते हैं, समस्याएँ और भी उलझ जाती हैं, उनके कोई हल नहीं निकलते है।’ प्रो. दुबे की यह कृति एक दुर्लभ रचनात्मक धीरज के साथ भारतीय समाज के वर्तमान संक्रमण-काल का एक ऐसा अध्ययन है, जिससे प्रत्येक सजग पाठक को गुजरना चाहिए।

श्यामाचरण दुबे (Shyama Charan Dube)

श्यामाचरण दुबे - जन्म 1922, सिवनी, मध्य प्रदेश भारत के अग्रणी समाज वैज्ञानिकों में अग्रणी। उनकी अन्तरराष्ट्रीय पहचान 1955 में 'इण्डियन विलेज' के प्रकाशन से बनी। भारत की जनजातियों और ग्रामीण समुदाय

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter