logo
  • बेस्टसेलर

औरत के हक़ में

Hardbound
Hindi
9788181432940
2020
2020
पुरुष शासित समाज में स्त्रियों के अधिकार और नारी मुक्ति को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे पेश किये जायें, नारे लगाये जायें और चाहे जितनी बातें की जायें, बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन का स्वर, निस्सन्देह, सबसे भास्वर है। उनके लेखन का तेवर सर्वाधिक व्यंग्य मुखर और तिलमिला देने वाला है। संस्कार मुक्त प्रतिवादी और बेबाक तसलीमा ने अपने 'निर्वाचित कलाम' द्वारा बांग्लादेश में एक ज़बरदस्त हलचल सी मचा दी और जैसा कि तय था, विवाद के केन्द्र में आ गयीं। इस अप्रतिम रचना को आनन्द पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की ख़बर से सारे देश में इस कृति के प्रति स्वभावतः कौतूहल पैदा हो गया। उक्त रचना के साथ उनके द्वारा इसी विषय पर लिखित उनके अन्य लेखों को भी प्रस्तुत संस्करण में सम्मिलित कर लिया गया है। इस कृति में तसलीमा के बचपन से लेकर अब तक की निर्मम नग्न और निष्ठुर घटनाओं और अनुभवों के आलोक में नये सवाल उठाये गये हैं, जिनसे स्त्रियों के समान अधिकारों को एक सार्थक एवं निर्णायक प्रस्थान प्राप्त हुआ है।

प्रस्तुत कृति में पुरुष शासित समाज में स्त्रियों की दुर्दशा का हू-ब-हू चित्रण है। स्त्री-भोग्या मात्र है और धर्मशास्त्रों ने भी उसके पाँवों में बेड़ियाँ डाल रखी हैं। ईश्वर की कल्पना तक में परोक्षतः नारी-पीड़ा का समर्थन किया गया है। सामाजिक रूढ़ियों के पालन में, और दाम्पत्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में यानी स्त्रियों के किसी भी मामले में पुरुषों की लालसा, नीचता, आक्रामकता और निरंकुश अधिकार भाव को तसलीमा ने खुलेआम चुनौती दी है। अपनी दुस्साहसपूर्ण भाषा-शैली और दो टूक अन्दाज़ में अपने विचारों को इस तरह रखा है कि पाठक एकबारगी तिलमिला उठता है।

तसलीमा नसरीन Taslima Nasrin

तसलीमा नसरीन ने अनगिनत पुरस्कार और सम्मान अर्जित किये हैं, जिनमें शामिल हैं-मुक्त चिन्तन के लिए यूरोपीय संसद द्वारा प्रदत्त - सखारव पुरस्कार; सहिष्णुता और शान्ति प्रचार के लिए यूनेस्को पुरस

show more details..

मुनमुन सरकार Munmun Sarkar

show more details..

मेरा आंकलन

रेटिंग जोड़ने/संपादित करने के लिए लॉग इन करें

आपको एक समीक्षा देने के लिए उत्पाद खरीदना होगा

सभी रेटिंग


अभी तक कोई रेटिंग नहीं