Bhishm Sahani Sadagi Ka Saundaryshastra

Bhishm Sahni Author
Paperback
Hindi
9789389012590
1st
2020
368
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हिन्दी कथा-साहित्य में भीष्म साहनी एक ऐसा नाम है जिसका बचपन आर्यसमाजी परिवेश में गुज़रा और जिन्होंने बड़े होकर प्रगतिशील जीवन-मूल्यों को आत्मसात किया और संस्थागत धर्म का विरोध करते हुए साहित्य में उदात्त मानव मूल्यों की वकालत करके अन्याय और शोषणयुक्त व्यवस्था से मनुष्य की मुक्ति के पक्ष में खड़े हुए। भीष्म साहनी उन कथाकारों में से रहे जिन्होंने अपने आपको तथाकथित अलगाव, अनास्था से दूर रखा और एक ऐसी जीवन पद्धति को अपनाया जिसमें सादगी, सहजता, सरलता सर्वोपरि थे। भीष्म जी एक कथा-लेखक के रूप में ही नहीं बल्कि एक अदाकार, रंगकर्मी, निर्देशक, सक्रिय कार्यकर्ता, सम्पादक और प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव के रूप में हमारे बीच में रहे। उन्होंने जिन जीवन-मूल्यों की वकालत अपने कथा-साहित्य में की, उन्हीं मूल्यों को जीवन में उतारने के लिए एक निष्ठावान, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनायी। अपने जीवन के शुरुआती समय में वे कांग्रेस से जुड़े और बाद में मार्क्सवादी जीवन दर्शन से प्रभावित होकर कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा में अपनी आस्था के स्रोत तलाश किये। यह सच है कि भीष्म साहनी अपने कथा-साहित्य में हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को एक समझौते के स्तर पर ले आते हैं, और कभी-कभी कहानी के अन्त को तार्किक परिणति तक नहीं पहुंचा पाते। पर साथ ही यह भी सच है कि वे मानवीय दृष्टि को आत्मसात करके मानवीय धरातल पर कहानियों को मोड़ देते हैं। धर्म आधारित संस्थागत सोच किस हद तक ख़तरनाक है यह 'अमृतसर आ गया’ और ‘पाली' जैसी कहानियों में देखा जा सकता भीष्म साहनी के कथा-साहित्य में व्यक्त सरोकारों, आस्थाओं के सभी आयामों को समेटने का प्रयास इस किताब के माध्यम से किया गया है। विश्वास है कि भीष्म साहनी और उनके समय को समझने के लिए यह किताब उपयोगी होगी।

हरियश राय (Hariyash Rai )

जन्म : 05 अप्रैल 1954 शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. प्रकाशित साहित्य : बर्फ होती नदी, उधर भी सहरा, पहाड़ पर धूप, अन्तिम पड़ाव, वजूद के लिए, मेरी प्रिय कथाएँ, हिसाब-किताब (कहानी संग्रह); नागफनी के जंगल में, मुट्ठ

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भीष्म साहनी (Bhishm Sahni)

भीष्म साहनीजन्म : सन् 1915 रावलपिण्डी में । शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी), पीएच.डी. ।साहित्यिक गतिविधि : सात वर्ष तक विदेशी भाषा प्रकाशन गृह मास्को से सम्बद्ध रहे। रूसी भाषा पर अधिकार। ताल्स्ताय की कहान

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