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Rahamato Ki Barish

Hardbound
Hindi
9789352294053
1st
200
37
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परवीन शाकिर की ग़ज़लें स्त्री को उसकी छीनी गयी भाषा लौटाती हैं। उसके लवों पर लगी हुई मुहर को हटाकर उसे मुखर होने को प्रेरित करती हैं। उसे अपने हिस्से की जमीन और आसमान माँगने का साहस मुहैया करती हैं। वे जानती हैं कि ‘लड़कियों के दुख अजीब होते हैं, सुख उससे अजीब’। वे स्त्री में सिर्फ तथाकथित सुघड़ाया और शील को देखने की हामी नहीं हैं बल्कि उसके भीतर सोये हुए ज्वालामुखी को बेदार करती हैं। उसकी आत्मा के शान्त जल में खलबली पैदा करती हैं। परवीन शाकिर की ग़ज़लों के एक-एक मिसरे में हज़ारहा झंझावात समाये हुए हैं जो हमें भीतर तक झकझोर देते हैं।

बशीर बद्र (Bashir Badra)

बशीर बद्रनाम : सैयद मोहम्मद बशीर तख़ल्लुस बद्र शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से)। पुरस्कार : वर्ष 1969 में ग़ज़लों के प्रथम प्रकाशित संकलन, 'इकाई' पर उर्दू अकादमी उत्तर प्रदे

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परवीन शाकिर (Parveen Shakir)

परवीन शाकिर (1952-1994) सैयदा परवीन शाकिर का जन्म 24 नवम्बर, 1952 को कराची, सिन्ध, पाकिस्तान में हुआ। परवीन शाकिर एक उर्दू कवयित्री, शिक्षक और पाकिस्तान सरकार की सिविल सेवा में एक अधिकारी थीं। वे उर्दू श

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