• New
  • Out Of Stock

Amba

Paperback
Hindi
9789357757294
1st
2024
52
If You are Pathak Manch Member ?

₹195.00

अम्बा स्पैनिश भाषा के विश्वप्रसिद्ध लेखक फेदरीको गार्सिया लोर्का की नाट्यकृति 'यर्मा' का हिन्दुस्तानी रूपान्तर है।

अपने मौलिक स्वरूप में 'यर्मा' काव्यात्मकता लिये हुए है और स्वयं लोर्का इसे "तीन अंकों व छह दृश्यों की एक दुःखान्त कविता" कहते हैं, किन्तु अपने हिन्दी रूप में अम्बा न केवल गद्य में लिखा हुआ है बल्कि इसकी कथा का ताना-बाना भारतीय ग्रामीण परिवेश में बुना गया है और इसकी पृष्ठभूमि तथा सामाजिक सरोकार सभी पूर्णतः हिन्दुस्तानी हैं।

नाटक की नायिका अम्बा मातृत्व सुख से वंचित एक औरत है जो निःसन्तानता के सन्ताप से तो व्यथित है ही, उसे अपने पति का प्रेम और साहचर्य भी नहीं मिल पा रहा है- ऊपर से ग्रामीण समाज का लांछन अम्बा को और भी संत्रास देता है।

सन्तान की चाहत और सामाजिक रूढ़ वर्जनाएँ कुण्ठित करते-करते अम्बा में एक जुनून का सा रूप ले लेती हैं और उसके पति की बेपरवाही और उसका शक्की स्वभाव अन्ततः अम्बा को एक चरम पराकाष्ठा की तरफ़ धकेल देता है।

सौरभ श्रीवास्तव ( Saurabh Srivastava)

सौरभ श्रीवास्तव सौरभ श्रीवास्तव (1963, वाराणसी) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास, अंग्रेज़ी साहित्य और संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया। वहीं वर्ष 1980 से रंगमंच से जुड़े और आज भी रंगकर्म से वह

show more details..

फ़ेदरीको गार्सिया लोर्का (Federico García Lorca)

फ़ेदरीको गार्सिया लोर्का (1898-1936) -स्पेन के प्रख्यात कवि, नाटककार एवं नाट्य-निर्देशक जिन्हें स्पैनिश साहित्य में प्रतीकवाद और अतियथार्थवाद का प्रणेता माना जाता है।सोलह नाटकों और चौदह काव्य-सं

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter