साँझक दीप : मैथिलीक विविध गद्यात्मक विधाक संग्रह - अहि पोथीक अधिकान्स कथा मिथिला समाजक कुरीतिक जटिल वस्तुस्थितिकसत्य पर आधारित छैक। स्त्री होथु वा पुरुष, मानसिक भूख, पेटक भूख संय कनेको कम नहिं होइत छैक, ताहि विचार कय एवं अपन देखल-जीयल मर्मान्तक कष्टऽक अनुभव कें, एहि कथा संग्रह में दर्शाओल गेल छैक। शिक्षाऽकअभाव सं ज्ञान-अन्धकार में स्त्रीगणक अवस्था केहन निरीह भय जाइत छैक तकर विषमता सेहो कथा रूप में चित्रित कयल गेल छैक ।
जीवन में अनेक रास तेहन क्षण आबैत छैक, जकर छाप अन्तसक् मर्म कें छूवि जाइत छैक। जेना बेटिक जन्म पर सद्यः - प्रसूतामायक नोरायल आँखि कें देखबाक कुयोग, अनमेल विवाहक प्रथा जाहि में माता पिताऽक अकिंचन अवस्थाऽक कारने पिताऽक बयसकँ वर सं बेटिक बिबाह !
सन्तानक निहितस्वार्थक कारणे, बयस कें चारिम पण मे जीवित पत्नी सं बिछोहक अवशताऽक निरूपण, मन कें उद्वेलित कय दैत छैक। जीवन पर्यन्त अवश भय दबाओल गेल नैहरक अव्यक्त प्रेम, परिवेश पाबिते कोना जागि उठैत छैक तकर करुण अभिव्यक्ति सेहो एहि पुस्तक में देखबाजाईत छैक ।
जाति-पाँतिक अन्तरक विषम बिकराल अवस्था कें समाजक समक्ष आनब 'आर अहि सब कुरीतिक जटिल समस्या पर दृष्टिपात करायब लेखिकाऽक अभीष्ट छैक। विश्वास अईछ जे एहि कथा-चित्रण, मिथिलाऽक बुद्धिजीवी वर्ग तथा जनमानसऽक चेतना कें प्रकम्पित करवाऽक उद्देश्य में सफल होयत ।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review