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Chhuvachhuta

Paperback
Hindi
9788181438652
2nd
2012
154
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₹100.00

अक्करमाशी' के दिल को दहला देने वाले आत्मकथात्मक अनुभव की अभिव्यक्ति के खतरे उठाने के बाद डॉ. शरणकुमार लिंबाले के विद्रोही रचनाकार ने दलित चेतना के विस्फोटक अनुभवों को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की वैचरिक बुनियाद के आधार पर कहानियों के माध्यम से जो अभिव्यक्ति दी उसका नाम है छुआछूत; अवमानना, अन्याय, अत्याचार और शोषण के जिन अमानुष अनुभवों से रचनाकार गुजरा उन्हें और उनके समय की समकालीनता को उसने एक खास क्रांतिकारी नज़रिये से रचा और सामाजिक यथार्थ की ओर देखने के लिए पाठक को विवश किया। ये कहानियाँ दलित क्रांति की चिंगारियाँ हैं और इनकी मूल भाषा की आग और धार को अनुवाद में भरसक बरकरार रखने की कामयाब कोशिश ज्येष्ठ अनुवादक निशिकांत ठकार ने दी है।

- चंदकांत पाटील

निशिकांत ठकार (Nishikant Thakur)

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शरणकुमार लिंबाले  (Sharankumar Limbale)

शरणकुमार लिंबाले  जन्म : 1 जून 1956 शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. हिन्दी में प्रकाशित किताबें : अक्करमाशी (आत्मकथा) 1991, देवता आदमी (कहानी संग्रह) 1994, दलित साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र (समीक्षा) 2000, नरवानर (उपन्

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