Kastoorba

Paperback
Hindi
9789387330139
2nd
2019
148
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कस्तूरबा - दुनिया के सारे घर औरत की सहनशीलता के कन्धे पर बसे हैं। जिस दिन औरत कन्धे झटक देगी यह घर भरभराकर गिर पड़ेंगे। यही कहानी है बालिका कस्तूरी की। पोरबन्दर के दीवान की बहू, मोहनदास गाँधी की पत्नी, हरिलाल, मणिलाल, देवदास और रामदास की माँ, फिर महात्मा गाँधी की पत्नी और सबकी बा ।

जीवन का यह प्रवास उतना ही सुखमय रहा जितना रामचन्द्रजी के साथ सीता का वनवास, जिसमें यही सन्तोष है कि राम साथ हैं। बाकी कन्दमूल खाकर कुटिया में रहकर काँटों भरी पगडण्डियों पर चलते हुए पाँवों के लहूलुहान होने की प्रक्रिया समान ही है। जीवन यात्रा के चिरन्तन संघर्ष में कहीं महात्मा के नाम को नहीं बिछाया, कभी बापू के नाम को नहीं ओढ़ा। स्वयं की ज़िद और स्वाभिमान के साथ, जीवन यात्रा पूर्ण की। यह कस्तूरी के बा बनने तक की कथा है।

संध्या भराड़े (Sandhya Bharare )

डॉ. संध्या भराड़े शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी. (हिन्दी पत्रकारिता और डॉ. प्रभाकर माचवे) मराठी, हिन्दी मराठी अंग्रेज़ी में लेखन अध्ययन कार्य - 'शीशे का घर' कहानी संग्रह, 'दर्द के हस्ताक्षर' कविता

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