Sapanpriya

Paperback
Hindi
8126308958
5th
2016
296
If You are Pathak Manch Member ?

सपनप्रिया

"...हवाई शब्दजाल व विदेशी लेखकों के अपच उच्छिष्ट का वमन करने में मुझे कोई सार नज़र नहीं आता। आकाशगंगा से कोई अजूबा खोजने की बजाय पाँवों के नीचे की धरती से कुछ कण बटोरना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण लगता है। अन्यथा इन कहानियों को गढ़नेवाले लेखक की कहानी तो अनकही रह जायेगी... मैं निरन्तर बदलता रहता हूँ। परिष्कृत और संशोधित होता रहता हूँ। जीवित गाछ-बिरछा के उनमान प्रस्फुटित होता रहता हूँ। सघन होता रहता हूँ।'

प्रख्यात कथाकार विजयदान देथा (बिज्जी) के इस वक्तव्य के बाद केवल यह आग्रह ही किया जा सकता है कि हिन्दी के कथा-प्रेमी पाठक इस 'सपनप्रिया' संग्रह की अद्भुत और अद्वितीय कहानियाँ अवश्य पढ़ें।

विजयदान देथा (Vijaydan Detha)

विजयदान देथा विजयदान देथा, जिन्हें उनके मित्र प्यार में बिज्जी कहने हैं, राजस्थानी के प्रमुख लेखक हैं। वे हिन्दी में भी लिखते रहे हैं। देथा ने आठ सो से अधिक कहानियाँ लिखी हैं, जिनमें से अनेक क

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

Related Books