Mere Pita Trilochan : Ek Smratilekh

Paperback
Hindi
9789352296811
1st
2017
328
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जय प्रकाश सिंह द्वारा लिखित 'मेरे पिता त्रिलोचन : एक स्मृतिलेख' में उन्होंने अपने पिता के वंश के विषय में लिखा है। पिता त्रिलोचन जी के मित्र, कवि एवं लेखक, विष्णुचन्द्र शर्मा बहुत दिनों से उनकी जीवनी लिखने के लिए प्रेरित कर रहे थे लेकिन लेखक अपने पिता की जीवनी लिखने में स्वयं को असमर्थ, अक्षम पाता था।

सारी जीवनी पत्रों के हवाले से है। इतिहास के सुधी विद्यार्थी की वस्तुनिष्ठता बनाये रखने का प्रयास भी किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक वास्तव में जीवनी नहीं बल्कि इसमें उसके कुछ पक्षों को ही उजागर किया गया है।

जय प्रकाश सिंह (Jai Prakash Singh )

जन्म : जनवरी 2, 1937, ग्राम- कटघरा, चिरानीपट्टी, सुल्तानपुर, उ.प्र.।शिक्षा : एम. ए., पीएच.डी. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से। अध्यापन : अगस्त 1959 से अगस्त 1985 तक का. हि. वि. वि. के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति

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