कथा साहित्य जगत में मालती जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। देश और विदेश में फैले लाखों प्रशंसक मालती जी की कहानियों का न सिर्फ़ आस्वाद ग्रहण करते हैं बल्कि उन कहानियों के साथ अपनी ज़िन्दगी का ताना-बाना भी बुनते हैं। एकदम घरेलू और सहज होने के बाद भी मालती जी की कहानियाँ बहुत बड़ा सामाजिक सन्देश देती हैं। ये कहानियाँ संस्कारों का भण्डार हैं और परम्पराओं की ध्वजवाहक हैं। भारतीय परम्परा और संस्कृति का संरक्षण अथवा नारी स्वतन्त्रता जैसे नारों का प्रयोग किये बिना मालती जी की कहानियाँ साहित्य, भारतीय पारिवारिक परम्परा, संस्कार एवं मातृशक्ति के सम्मान का अनूठा दर्शन कराती हैं। भारतीय कुटुम्ब की अवधारणा का सही सन्देश मालती जी की कहानियों में दृष्टिगोचर होता है। इसलिए मालती जी की कहानियाँ अवसरजन्य नहीं हैं। वे हर समय, कालखण्ड और स्थान के लिए प्रासंगिक हैं। विगत छह दशकों से भी अधिक समय से लेखन कर रहीं मालती जोशी के प्रशंसकों में निरन्तर वृद्धि ही हुई है।
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