Jayadola

Paperback
Hindi
9788126340255
10th
2011
128
If You are Pathak Manch Member ?

जयदोल

'अज्ञेय' की सर्ततोमुखी प्रतिभा ने साहित्य के अनेक क्षेत्रों को समर्थ नेतृत्व दिया और उनके कृतित्व ने अनेक साहित्यिक विधाओं को नये मानदण्डों की स्थापना द्वारा समृद्ध किया। हिन्दी कहानी ने 'अज्ञेय' के अवदान से एक विशिष्टता प्राप्त की है। 'जयदोल' में संगृहीत बारह कहानियाँ 'अज्ञेय' की विशिष्टता को रेखांकित करती हैं— जीवन के प्रति सजग और सौहार्दपूर्ण दृष्टि, चिन्तन के उत्प्रेरक आयाम, प्रौढ़ कथाशिल्प, पात्रों के अन्तरंग की सहज प्रतिच्छवि, भाषा का संयम- बँधा सौन्दर्य, कथा-बोध का आकर्षक एल्बम एवं तरंगायित मानस की दौड़ती लहरों के अनेकानेक गतिचित्र।

'जयदोल' वही संग्रह है जिसमें 'पठार का धीरज', 'हीली बोन की बतखें', 'मेजर चौधरी की वापसी', 'गैग्रीन' और स्वयं 'जयदोल', जैसी 'अज्ञेय' की बहुचर्चित कहानियाँ सम्मिलित हैं। प्रत्येक सुरुचिपूर्ण, पाठक के लिए सर्वथा पठनीय।

प्रस्तुत है 'जयदोल' का नया संस्करण, नये रूपाकार में।

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Agyeya')

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च 1911-4 अप्रैल 1987) -मानव मुक्ति एवं स्वाधीन चिन्तन के अग्रणी कवि-कथाकार-आलोचक-सम्पादक ।कुशीनगर, देवरिया (उ.प्र.) में एक पुरातत्त्व उत्खनन शिविर में ज

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter