Vipatra

Paperback
Hindi
9788126319909
8th
2021
80
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विपात्र - एक लघु उपन्यास, या एक लम्बी कहानी, या डायरी का अंश, या लम्बा रम्य गद्य, या चौंकानेवाला एक विशेष प्रयोग—कुछ भी संज्ञा इस पुस्तक को दी जा सकती है, पर इन सबसे विशेष यह कथा-कृति, जिसका प्रत्येक अंश अपने आप में परिपूर्ण और इतना जीवन्त है कि पढ़ना आरम्भ करें तो पूरी पढ़ने का मन हो, और कहीं भी छोड़ें तो लगे कि एक पूर्ण रचना पढ़ने का सुख मिला। जैसे मुक्तिबोध की लम्बी कविता—अपने आप में विशिष्ट, एक नया प्रयोग; जैसे मुक्तिबोध की डायरी—साहित्य को एक अनुपमेय देन; जैसे मुक्तिबोध की शीर्षकरहित कहानियाँ कि कहीं भी पूर्ण हो जायें या जिनका ओर-छोर भी न मिले, वैसे ही है यह 'विपात्र'– मुक्तिबोध की एक अद्भुत सृष्टि।

गजानन माधव मुक्तिबोध (Gajanan Madhav Muktibodh )

गजानन माधव मुक्तिबोध जन्म: 13 नवम्बर, 1917, श्योपुर (ग्वालियर)।शिक्षा: नागपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर । एक प्राध्यापक के रूप में उज्जैन, शुजालपुर, इन्दौर, कलकत्ता, मुम्बई, बेंगलु

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