logo

विपात्र

Hardbound
Hindi
9788126316502
8th
2021

विपात्र - एक लघु उपन्यास, या एक लम्बी कहानी, या डायरी का अंश, या लम्बा रम्य गद्य, या चौंकानेवाला एक विशेष प्रयोग—कुछ भी संज्ञा इस पुस्तक को दी जा सकती है, पर इन सबसे विशेष यह कथा-कृति, जिसका प्रत्येक अंश अपने आप में परिपूर्ण और इतना जीवन्त है कि पढ़ना आरम्भ करें तो पूरी पढ़ने का मन हो, और कहीं भी छोड़ें तो लगे कि एक पूर्ण रचना पढ़ने का सुख मिला। जैसे मुक्तिबोध की लम्बी कविता—अपने आप में विशिष्ट, एक नया प्रयोग; जैसे मुक्तिबोध की डायरी—साहित्य को एक अनुपमेय देन; जैसे मुक्तिबोध की शीर्षकरहित कहानियाँ कि कहीं भी पूर्ण हो जायें या जिनका ओर-छोर भी न मिले, वैसे ही है यह 'विपात्र'– मुक्तिबोध की एक अद्भुत सृष्टि।

गजानन माधव मुक्तिबोध Gajanan Madhav Muktibodh

गजानन माधव मुक्तिबोध - जन्म: 13 नवम्बर, 1917, श्योपुर (ग्वालियर)। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), नागपुर विश्वविद्यालय। एक प्राध्यापक के रूप में उज्जैन, शुजालपुर, इन्दौर, कलकत्ता, मुम्बई, बेंगलुरु, वाराणसी, जब

show more details..

मेरा आंकलन

रेटिंग जोड़ने/संपादित करने के लिए लॉग इन करें

आपको एक समीक्षा देने के लिए उत्पाद खरीदना होगा

सभी रेटिंग


अभी तक कोई रेटिंग नहीं