Sonam

Paperback
Hindi
9788181439765
1st
2009
247
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सोनाम -
साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित और अरुणाचल प्रदेश के शेरदुकपेन कबीले से सम्बद्ध साहित्यकार येसे दरजे थोंगछी बहुभाषाविद हैं– हिन्दी, अंग्रेज़ी, नेपाली, बंगाली, असमिया और अरुणाचली में निष्णात, लेकिन उन्होंने अभिव्यक्ति के लिए असमिया भाषा का ही चुनाव किया। श्री थोंगछी ज्योतिप्रसाद अग्रवाल और लम्मर दाई जैसे उन साहित्यकारों की परम्परा में आते हैं जिन्होंने ग़ैर असमिया भाषी होते हुए भी असमिया के साहित्यिक जगत में प्रचुर ख्याति अर्जित की है। उनका बहुचर्चित उपन्यास 'सोनाम' भूटान के साकतेंग-मिरोक इलाकों में तथा अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग और तवाँग इलाकों में बसने वाले छोटे-से पशुपालक ब्रोकपा कबीले का अनूठा चित्रण करता है। उपन्यास की थीम याक चराने वाले समुदाय के सांस्कृतिक-सामाजिक परिवेश का के मार्मिक लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है और इस समाज में प्रचलित बहुपतित्व की प्रथा के इर्द-गिर्द घूमती है।
नायिका सोनाम और उसके दो पतियों-लबजाँग और पेमा वांगछू के इस त्रिकोण की जटिलता को उपन्यासकार येसे दरजे थोंगछी ने बड़ी कलात्मकता के साथ चित्रित किया है और दो पुरुषों से भावनात्मक स्तर पर जुड़ी एक युवती के अन्तर्द्वन्द्व को सधे हाथों के साथ उकेरा है।
इस अत्यन्त सशक्त कलाकृति पर वर्ष 2005 में एक सफल फ़िल्म बनी है और राष्ट्रपति के रजत कमल पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ अनेक अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में सराही गयी है - अपनी शक्तिशाली कथावस्तु और परिवेश के कारण।
आवरण चित्र उपन्यास पर बनी फ़िल्म की अभिनेत्री- ताशी ल्हामू -एक भावपूर्ण मुद्रा में।

येसे दरजे थोंगछी (Yese Darje Thongachhi)

अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिला में, 13 जून 1952 को जीगांव नामक पहाड़ी गाँव में जन्म। उन्होंने बचपन से ही असमिया भाषा में कविता, नाटक आदि लिखना शुरू कर बाद में कहानी, उपन्यास आदि लिखने लगे और लोकप्रि

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