Yese Darje Thongachhi
अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिला में, 13 जून 1952 को जीगांव नामक पहाड़ी गाँव में जन्म। उन्होंने बचपन से ही असमिया भाषा में कविता, नाटक आदि लिखना शुरू कर बाद में कहानी, उपन्यास आदि लिखने लगे और लोकप्रियता हासिल की। उनके कहानी, उपन्यास, नाटक आदि अरुणाचल की विभिन्न जनजातियों की विचित्र जीवन धारा के ऊपर आधारित हैं जिसके लिए उनकी नाइजीरियन उपन्यासकार चिनुवा आछिवे के साथ तुलना की जाती है। उनकी कृतियों में शामिल हैं सोनाम, लिंगझिक, मौन होंठ मुखर हृदय, विष कन्यार देशत, मई आकोउ जनम लम, शव कटा मानु आदि उपन्यास, पापोर पुखुरी, बांह फुलर गोन्ध, अन्य एखन प्रतियोगिता आदि कहानी संग्रह । असम साहित्य सभा के कलागुरु विष्णु प्रसाद पुरस्कार, वासुदेव जालान पुरस्कार, केन्द्रीय भाषा अनुसन्धान मैसूर के भाषा भारती पुरस्कार, अरुणाचल प्रदेश बौद्ध संस्कृति संघ के स्पेशल एचीवमेंट पुरस्कार आदि और कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। वर्ष 2005 में 'मौन होंठ मुखर हृदय' उपन्यास के लिए उन्हें साहित्य
अकादेमी पुरस्कार दिया गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त होने बाद वर्तमान में वह तथ्य अधिकार कानून के अधीन अरुणाचल प्रदेश के मुख्य तथ्य आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।