सम्राट अशोक -
अशोक से सम्राट अशोक तक आकार पाती, इस जीवनकथा में प्रभाकिरण जैन ने सिर्फ एक राजा की रोचक-रोमांचक कथा ही नहीं लिखी है अपितु, एक युग को लिखा है। और इस युग में धर्म, राज्य, इतिहास, प्रजातन्त्र, विदेश नीति और सफल शासन व्यवस्था के अनुपम उदाहरण हैं।
अशोक से सम्राट अशोक के स्याह और उजले दिनों की यह कथा हिंसा से अहिंसा, अत्याचार से दयालुता, अधर्म से धर्म की स्थापना का भी श्रेष्ठतम वृत्तान्त है जिसमें प्रजापालक राजा के कर्तव्य और कार्यों का सुन्दर समावेश है।
सम्राट अशोक अकेले ऐसे मौर्य राजा थे जिन्होंने विश्व शान्ति के लिए मौलिक ढंग से दुनिया भर में बुद्ध की शिक्षा का प्रसार किया। आज दुनिया उनकी ऋणी है और श्रद्धा से स्मरण करती है।
आज भारत के लिए सम्राट अशोक के सत्कार्यों को जानना जरूरी हो उठा है। प्रभाकिरण जैन की लिखी यह संक्षिप्त जीवन कथा, युवाओं के पाठ और ज्ञान में वृद्धि के लिए आवश्यक कृति की तरह है।
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