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Kahanee Ankahanee

Hardbound
Hindi
8126302186
3rd
2000
174
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₹125.00

कहनी अनकहनी - हिन्दी पत्रकारिता को न केवल रचनात्मक दिशा और सुरुचि संस्कार देने, वरन् उसे अधिकाधिक लोकप्रियता प्रदान करते हुए विचारोत्तेजक बनाने में जिस एक नाम का महत्त्व असन्दिग्ध है, वह है धर्मवीर भारती का। वैयक्तिक निबन्धों के रूप में लिखी गयी चुटीली टिप्पणियों का यह स्तम्भ 'कहनी अनकहनी' वर्षो तक 'धर्मयुग' के लाखों पाठकों के बीच जीवन्त चर्चा का विषय रहा है। 'गुनाहों का देवता' के बाद पाठकों के सबसे अधिक पत्र इन्हीं टिप्पणियों के बारे में लेखक को मिलते रहे हैं। स्पष्ट विश्लेषण, कथ्य की गहराई और मर्मभेदी दृष्टि के साथ एक चुहल-भरी आत्मीय शैली की ज़िन्दादिली ने इस लेखन को हिन्दी गद्य की एक मूल्यवान उपलब्धि बना दिया है। भाषा का सवाल हो या सांस्कृतिक मूल्यों का, साहित्यिक समस्या हो या अवसर विशेष, भारती एक नये अन्दाज़ में अपनी बात कहते हैं। भले ही वह बात किसी सामयिक सन्दर्भ में कही गयी हो लेकिन उसमें जो कहा गया है उसका महत्त्व स्थायी होता है। किसी भी कथाकृति से अधिक रोचक, किसी भी चिन्तन खण्ड से अधिक विचारपूर्ण, हर टुकड़ा भारती की बेजोड़ प्रतिभा से जगमग है।

धर्मवीर भारती (Dharmveer Bharti)

धर्मवीर भारती जन्मः इलाहाबाद में 25 दिसम्बर, 1926 को। बचपन में पिता की मृत्यु हो जाने से किशोरावस्था से ही गहरा आर्थिक संघर्ष। 1945 में प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर

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