• Out Of Stock

Yah Deh Kiski Hai

Hardbound
Hindi
8126310960
2nd
2004
216
If You are Pathak Manch Member ?

₹150.00

यह देह किसकी है - कहानी के दौरान और कहानी के माध्यम से हम एक अनुभव बार-बार जीते हैं। न जियें तो कहानी न बने। आदमी की ज़िन्दगी का हर अनुभव एक बड़ा अनुभव नहीं होता। हम ज़िन्दगी का साक्षात्कार अनुभव इकाइयों के माध्यम से टुकड़ों-टुकड़ों में करते हैं। ये अनुभव-इकाइयाँ छोटे-छोटे कालखण्डों में घटित होती हैं। जैसे प्रेमी-प्रेमिका के किसी क्षण को देखा वह क्षण 'बूमरैंग' की तरह पलटकर लेखक की संवेदना से आ टकराता है।..... वह उस अनुभव को अदल-बदलकर तरह-तरह से जीना शुरू कर देता है। उसे अलग-अलग स्थितियों में रख कर देखता है। कई परमुटेशन-कम्बीनेशन बनाता-बिगाड़ता है। घटाता-बढ़ाता है। उस स्थिति को वह, रचनात्मक स्तर पर, पूरी संवेदना के साथ जीने के लिए अपने को बाध्य करता है। स्वानुभूत अनुभव हो या दत्तक अनुभव रचनात्मक प्रक्रिया एक-सी होती हैं। हर अनुभव-इकाई हरुफ़ सोख्ते पर पड़ी रोशनाई की बूँद की तरह फैलती जाती है। अनुभव की यही विविधता और उसको अभिव्यक्ति से जोड़ने की जद्दोजहद कहानी विधा के साथ गहराई से जुड़ी है। —कहानीकार के ही शब्दों में पाठकों को समर्पित है 'यह देह किसकी है' का नया संस्करण।

गिरिराज किशोर (Giriraj Kishore)

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter