तीस कविता वर्ष - ज्ञानपीठ पुरस्कार (1993) द्वारा सम्मानित भारत के विश्वविख्यात उड़िया कवि श्री सीताकान्त महापात्र का यह संग्रह उनकी सारस्वत साधना का अप्रतिम दस्तावेज़ है। जैसा कि पुस्तक के नाम से ही स्पष्ट है, इसमें सीताकान्त जी की तीस वर्षों की काव्य-यात्रा के अनेक पड़ाव हैं जिनके साक्षी हैं अनेक रंग, रूप और रेखाएँ। विराट् फलक पर जीवन के इन्द्रधनुषी आयामों को उजागर करने वाली इन कालजयी कविताओं को पढ़ना हिन्दी कविता के सुधी पाठकों के लिए, निस्सन्देह, एक अद्वितीय अनुभव होगा।
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