Sitakant Mahapatra
सीताकान्त महापात्र
आधुनिक भारतीय कविता के समर्थ कवि एवं अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मनीषी विद्वान ।
जन्म : सन् 1937 में ओड़िशा में । उत्कल, इलाहाबाद तथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों में शिक्षा ।
1975-77 में होमी भाभा फ़ेलोशिप पाकर सामाजिक नृतत्त्व विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि । 1961 से भारतीय प्रशासनिक सेवा से सम्बद्ध रहे। ओड़िशा सरकार तथा केन्द्र सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे तो यूनेस्को में भी काम किया। नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया, नयी दिल्ली के चेयरमैन तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लोकपाल भी रहे।
प्रकाशन : अब तक उड़िया में पन्द्रह काव्य-संग्रह तथा आलोचनात्मक निबन्धों के छः संग्रह प्रकाशित । अधिकांश रचनाएँ अन्य भारतीय भाषाओं के अलावा स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, रूसी, स्वीडिश आदि अनेक विदेशी भाषाओं में अनूदित ।
भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनकी अनूदित कृतियाँ हैं- समय का शेष नाम, लौट आने का समय, तीस कविता वर्ष, अनेक शरत्, पदचिह्न, शब्द समय और संस्कृति, कपटपासा और झरते हैं तारे जिस माटी पर । राष्ट्रपति द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत। वर्ष 1993 का ज्ञानपीठ पुरस्कार। इसके अलावा कबीर सम्मान, केन्द्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, सारला पुरस्कार, कुमारन आशन पोयट्री पुरस्कार, ओड़िशा साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा विषुव सम्मान सहित आदि अनेक पुरस्कार ।
सम्पर्क : 21 सत्यनगर
भुवनेश्वर - 751007 (ओड़िशा)