शिकारगाह - चर्चित कथाकार ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानियों में सामाजिक विडम्बनाओं के विभिन्न मंजर उपस्थित रहते हैं। उनकी कहानियाँ बाज़ारवादी तन्त्र से संचालित होते नये समाज का अक़्श और नक़्श हैं। कहानियों के पात्र बेचैन और चिन्तातुर हैं तो इसलिए कि समाज इतना निस्संग और क्रूर क्यों होता जा रहा है। यही तनाव इन कहानियों में है।...सम्भवतः इन कहानियों के लेखन के पीछे कहानीकार का यही मक़सद रहा है।
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