Maanas Ka Us

Hardbound
Hindi
9789390659180
2nd
2024
188
If You are Pathak Manch Member ?

मानस का उस -
'मानस का उस' मनोभाव की एक अवस्था है। जैसे 'मैं' अहंभाव का द्योतक है वैसे ही 'उस' नकारात्मक भाव का। जब किसी कार्य के बिगड़ने की बात आती है तो झट से 'उस भाव' का आरोपण दूसरों पर हो जाता है और कह उठते हैं——मैंने नहीं, उसने ऐसा कर दिया। मतलब उसके तर्कों से स्पष्ट हो जाता है कि उक्त कार्य के सकारात्मक पक्ष को तो उसने बख़ूबी अंजाम दिया, किन्तु नकारात्मक पक्ष इसलिए सामने आया, क्योंकि उसने ऐसा कर दिया। गोया उसका हाथ नहीं लगता अथवा उसकी भूमिका इसमें नहीं होती तो सफलता में सन्देह होता ही नहीं।
'मानस का उस' में कुल तेरह कहानियाँ हैं। सभी कहानियाँ पठनीय एवं समकालीनता से पूर्ण हैं। उम्मीद है कि, ये सभी कहानियाँ पाठकों को पसन्द आयेंगी। कहानियों में सामाजिकता के विविध प्रसंगों को उभारने की कोशिश की गयी है, जिसको देखने हेतु नज़रियों को भी प्रयोगधर्मी रखने पर ज़ोर दिया गया। विश्वास ही नहीं अपितु दावा है कि विभिन्न कहानियों से गुज़रते हुए पाठकों को आवश्यक और मनपसन्द विषयों से गुज़रने का अहसास होगा, जो समय और हालात की माँग है। सभ्यता को श्लिष्ट रखने के लिए यह निहायत ही आवश्यक है।

कुमार मिथिलेश प्रसाद सिंह (Kumar Mithilesh Prasad Singh )

कुमार मिथिलेश प्रसाद सिंह  पिता: मथुरा प्रसाद सिंह, माता: स्व. चन्द्रावती देवी। जन्म: 11 अक्टूबर, 1968। शिक्षा: बी.एससी. प्रतिष्ठा (रसायन शास्त्र)। प्रकाशित कृतियाँ : काव्य——'सत्य दर्शन', 'युगान्तर क

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter