क्षितिज - शान्तिनाथ देसाई की कहानियों में पारम्परिक नैतिकता के आयामों का विस्तार हुआ है। जीवन्तता से इन्हें विशेष मोह है और स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के सन्दर्भों में इनका लेखन अत्यन्त प्रखर हो उठता है। जीवन से गहरा लगाव है और इसके बारे में उतनी ही गहरी समझ भी। इसलिए इन्होंने जीवन में सार्थक समन्वय को सदा महत्व दिया है। तभी जीवन में उपलब्धि के प्रश्न इनकी कहानियों में बार-बार उमड़ते हैं। साथ ही इनके लेखन में एक बड़ा आकर्षक संयम है। पारम्परिक मूल्यों से इनको असन्तोष है लेकिन यह कहीं भी क्रोधावेश का रूप नहीं लेता। देसाई बड़े निष्पक्ष कलाकार हैं और इनकी कहानियों की कथा-संरचना बड़ी उद्देश्यपूर्ण होती है। आधुनिक कन्नड़ कहानी का रूप सँवारने और निखारने में शान्तिनाथ देसाई का महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय ज्ञानपीठ के लिए यह गौरव की बात है कि वह ऐसे सशक्त लेखक का कहानी-संकलन हिन्दी जगत् को समर्पित कर रहा है।
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