Kissa-E-Kohnoor

Hardbound
Hindi
9788126318872
3rd
2010
144
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किस्सा-ए-कोहनूर - हिन्दी कहानी के वर्तमान परिदृश्य में युवा कहानीकार पंखुरी सिन्हा ने एक महत्त्वपूर्ण स्थान अर्जित कर लिया है। पंखुरी सिन्हा का यह दूसरा कहानी संग्रह 'किस्सा-ए-कोहनूर' समाज के बदलते स्वरूप को प्रतिबिम्बित करता है। पंखुरी की कहानियाँ प्रश्न उठाती हैं कि सामाजिक मूल्य कैसे और क्यों बदलते हैं। अधिकांश कहानियों के केन्द्र में स्त्री है, किन्तु स्त्रीवाद से अलग एक व्यक्ति के रूप में उसका चित्रण किया गया है। पारिवारिक रिश्तों, सामाजिक मूल्यों, भूमण्डलीकरण के निहितार्थी और बहुवचनात्मक नैतिक मूल्यों आदि को 'किस्सा-ए-कोहनूर' की कहानियों में जगह मिली है। ये विकल्पों की कथाएँ हैं। एक तयशुदा ढर्रे से हटकर जीवन की विभिन्न आचारसंहिताओं के हिस्से इनमें रेखांकित हुए हैं। 'वीकएंड का स्पेस' घरेलू औरत से कामकाजी, औरत बनने के बाद आधुनिकता के दौर में स्त्री और पुरुष से अलग-अलग अपेक्षाओं की कहानी है। 'किस्सा ए-कोहनूर' में जहाँ स्वदेश का स्वाभिमान है, वहीं 'समानान्तर रेखाओं का आकर्षण' में साम्राज्यवाद के बाद सभ्यताओं का तुलनात्मक अध्ययन है। इसी तरह की विभिन्न पृष्ठभूमियाँ इस संग्रह की रचनाओं का आकर्षण हैं। पंखुरी सिन्हा भाषा और शिल्प की चमक से इन कहानियों को विशिष्ट बना देती हैं। ये रचनाएँ वैश्विक सोच और संवेदना से युक्त हैं और तीव्रता से परिवर्तित होते समाज के बिम्ब प्रस्तुत करती हैं।

पंखुड़ी सिन्हा (Pankhuri Sinha )

पंखुरी सिन्हा - जन्म: 18 जून, 1975, पटना (बिहार) शिक्षा: कक्षा 10 तक की पढ़ाई मुज़फ़्फ़रपुर में की। इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए.। सिम्बियोसिस, पुणे से पत्रकारिता की उच्च शिक्षा।

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