इस जंगल में - 'इस जंगल में' दामोदर खड़से का नवीनतम कहानी-संग्रह है। इस कहानी संग्रह में व्यक्ति और समाज की गहरी संवेदनाओं के प्रतिबिम्ब हैं। सामाजिक विसंगतियों से उपजी मनुष्य की विडम्बनाओं और त्रासदियों का सार्थक चित्रण इन कहानियों में है। घर-परिवार और देश-समाज के बीच जीते हुए व्यक्ति की भीतरी अनुभूतियों को बहुत सहज और स्वाभाविक रूप में प्रस्तुत कर कथाकार ने पात्रों की आन्तरिक प्रतिध्वनियों को शब्दबद्ध किया है। पात्र अत्यन्त सजीव हैं और परिवेश आसपास का है। कथ्य की दृष्टि से ये कहानियाँ अपनी समयगत सच्चाइयों को बयान करती हैं तथा भाषा और शैली अभिव्यक्ति को गतिमान बना जाती है। कई पात्र भावुक होकर भी अपने समय के यथार्थ को पहचानते हैं और अपने भीतर की गहरी संवेदनाओं को मूर्त रूप देने के लिए संघर्षरत रहते हैं। देश-काल की राजनीति से उभरे मुखौटे अपनी असलियत छुपा नहीं पाते। इन कहानियों में मानवीय सम्बन्धों को सूक्ष्मता से देखा जा सकता है। तमाम सामाजिक विसंगतियों और विरोधाभासों के बावजूद अस्मिता और पहचान के लिए छटपटाते पात्र अपने भीतर ईमानदार समर्पण सँजोयें रहते हैं। दामोदर खड़से की कहानियाँ समय की प्रतिध्वनियों के साथ संवाद करती रोचकता और पठनीयता इन कहानियों की सहज विशेषता है।
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