गुरु नानक देव - किसी राष्ट्र के निर्माण में महापुरुषों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। गुरुनानक देव इनमें से एक थे, जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। यह पुस्तक गुरुनानक के बचपन से लेकर उनके देहावसान तक की यात्रा को बड़ी सरल और सटीक भाषा में अभिव्यक्त करती है। लेखक ने इस पुस्तक में गुरुनानक देव के जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को बारीक़ी से समझा है और उनके मानवीय चरित्र को बड़ी ख़ूबी के साथ उद्घाटित किया है। गुरुनानक देव ने अपनी त्याग, तपस्या और ईश्वर भक्ति की जो परम्परा कायम की उससे लोग इतने प्रभावित हुए कि यह सबसे बड़ा पन्थ ही बन गया। इस विषय पर लेखक की शोधपूर्ण दृष्टि और बेबाक चरित्र चित्रण ने इस किताब को रोचक और पठनीय तो बनाया ही, उसके सारभूत अंशों की जानकारी देकर बच्चों तथा किशोरों के लिए अत्यन्त उपयोगी भी बना दिया है। लेखक की भाषा-शैली सहज और प्रवाहपूर्ण है, जिससे देश-विदेश के बच्चे इसे आसानी से समझ सकते हैं और गुरुनानक की जीवन-कथा को दिल में उतार सकते हैं। निश्चित ही यह बच्चों के लिए अत्यन्त पठनीय और संग्रहणीय किताब है।
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