Dhoomabh Digant

Manoj Das Author
Hardbound
Hindi
9789355186867
2nd
1991
148
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धूमाभ दिगन्त - मनोज दास ओड़िया के अग्रणी कथाकार हैं। कहानी के क्षेत्र में इन्होंने विशेष ख्याति अर्जित की है। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों और पात्रों को लेकर लिखी गयी इनकी कहानियों में अनूठा स्वरूप वैविध्य है। जहाँ एक ओर देहात के रीति-रिवाज, दारिद्रय और दयनीयता से ओड़िया का ग्राम्य जीवन मुखर हुआ है वहीं उनकी अनेकों कहानियों के पात्र कल्पना के परीलोक से अवतरित होते लगते हैं पर संवेदना उनकी भी इसी मिट्टी से जुड़ी हुई मनुष्य जैसी है। कहानी की पृष्ठभूमि कैसी भी हो सभी में व्यंग्य-विनोद भरपूर मिलता है। बहुत-सी कहानियों में तो परिस्थितियाँ ही व्यंग्यात्मक बन जाती हैं। प्रस्तुत कृति में मनोज दास की सभी प्रकार की कहानियाँ संकलित हैं। ओड़िया कहानी की नयी धारा को समझने में हिन्दी पाठक इन कहानियों को अत्यन्त उपयोगी पायेंगे, इस विश्वास के साथ मनोज दास की कहानियों का पहला हिन्दी संकलन हिन्दी जगत् को समर्पित है।

राजेन्द्र प्रसाद मिश्र (Rajendra Prasad Mishra)

राजेन्द्र प्रसाद मिश्रजन्म : 6 अप्रैल 1955, रायरंगपुर, मयूरभंज (ओड़िशा)।एम.ए. (हिन्दी) व पीएच.डी. (जेएनयू, नयी दिल्ली) । अब तक ओड़िया से हिन्दी में अनूदित कुल 90 पुस्तकें प्रकाशित।विश्व हिन्दी सचिवालय

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मनोज दास (Manoj Das)

मनोज दास  सन् 1934 में बालेश्वर जनपद के एक गाँव संकरी (ओडिशा) में जन्म । प्रमुख कृतियाँ - अमृत फल, आकासर इशारा, तन्द्रालोक का प्रहरी, प्रभंजन, गोधूलिर बाघ (उपन्यास); शेष बसन्तर चिट्ठी, आरण्यक, लक्ष्म

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