Dasi Ki Dastan

Hardbound
Hindi
9788126318681
3rd
2020
400
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दासी की दास्तान - राजस्थानी और हिन्दी के शीर्षस्थ कथाकार विजयदान देथा (बिजी) इस व्यापक आशय में अद्वितीय हैं कि उन्होंने लोकमन के अगोचर आयतन में पैठ कर जीवन के विविध सन्दर्भों को उद्घाटित किया है। 'दासी की दास्तान' पुस्तक इस तथ्य का सार्थक प्रमाण है। इस कृति में राजस्थान के सात प्रेमाख्यानों का कथा-रस समाहित है। 'अनदेखा अन्तस', 'भरम', 'हिम समाधि', 'मरवण', 'दासी की दास्तान', 'संयोग और 'उपाय'—ये प्रेमाख्यान राजस्थान के हृदय की अक्षर अभिव्यक्ति हैं। लोककथाएँ निरन्तर नवीन होती रहती हैं। इस नवीनता को पहचान कर और बीज को वृक्ष का स्वरूप प्रदान कर विजयदान देथा ने भारतीय कथा साहित्य को अत्यन्त समृद्ध किया है। 'दासी की दास्तान' के प्रेमाख्यान अपने विलक्षण कथा-संसार के कारण अप्रतिम कहे जा सकते हैं। लेखक ने विशेषकर स्त्रियों की आन्तरिकता, समर्पणशीलता, आत्मीयता, दृढ़ता, संकल्पशक्ति और प्रेमपरक ऊर्जा आदि विरल गुणों को अपनी लेखनी के संस्पर्श से अनन्य बना दिया है। पठनीयता, क़िस्सागोई, विचार-सम्पदा, भावनिधि, भाषा और शैली की दृष्टि से ये प्रेमाख्यान पाठकों के मन में स्थायी स्थान बना लेंगे। यह कहना उपयुक्त होगा कि 'दासी की दास्तान' जीवन के अबूझ, जटिल, उज्ज्वल और जीवनेतर रहस्यों में रुचि रखने वाले सहृदय पाठकों के लिए एक सुन्दर उपहार है।

विजयदान देथा (Vijaydan Detha)

विजयदान देथा विजयदान देथा, जिन्हें उनके मित्र प्यार में बिज्जी कहने हैं, राजस्थानी के प्रमुख लेखक हैं। वे हिन्दी में भी लिखते रहे हैं। देथा ने आठ सो से अधिक कहानियाँ लिखी हैं, जिनमें से अनेक क

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